Madanlal Gupta

Chief Trusty and Director
Madangupta Charitable Trust, Aburoad


50-60 के दशक में अपना कॉलेज हो यह मेरा सपना था प्रारम्भ में इस सपने को साकार करने के प्रयास के अंतर्गत आबूरोड के कैलाश चौराहे पर स्थित दो कमरो में अग्रवाल कॉलेज के नाम से दो-तीन वर्ष कोचिंग के रूप में चलाया। जगह की कमी मान कर नये कमरे दुसरी मंजिल पर बनवाये किन्तु नगरपालिका ने राजनीतिक कारणों के चलते निर्माण को अवैध मान कर तुडवा दिये। यहीं से मेरा सपना टूट गया। इसके पश्चात सुमेरपुर जाकर कोचिंग के रूप में अग्रवाल कालेज चलाया किन्तु उस समय उच्च शिक्षा के प्रति रूचि के आभाव में पूर्ण सफलता नही मिली। मेरे द्वारा एक कॉलेज बने यह महत्वाकांक्षा शुरू से ही रही।

इस महत्वकांक्षा के कारण धर्मपत्नी के देहांत के बाद बहन प्रभावती की प्रेरणा एवं बडे भाई बनारसी लाल जी गुप्ता के प्रोत्साहन के फलस्वरूप सपने को साकार करने का अवसर मिला। प्रारम्भ में महाविद्यालय के लिए भू-खण्ड की समस्या का प्रश्न बना, किन्तु इस प्रश्न का मेरे तीसरे पुत्र कन्हैय्या गुप्ता ने हल किया और महाविद्यालय के लिए सहर्ष भू-खण्ड दिया। सन् 2004 में 1008 स्वामी युगल ष्षरण जी महाराज पाटनारायण वालो के कर कमलो से सिलान्यास हुआ।

2006 में बी.एड की एक इकाई से प्रारम्भ होकर यह आबूरोड सीमा को लांघ कर 2012 में रेंवदर तक जा पहुँचा और जोधपुर संभाग की एक मात्र संस्था बनकर उभरी । जिसमें बी.ए, बी.एड, डी.एल.ई.डी, छात्रावास आदि संचालित है, और अनवरत प्रगति पर है। मेरे जीवन का अंतिम पडाव है मेरे द्वारा लगाया यह पौधा जो पेड बन चुका है वह एक वट वृक्ष के समान फली भूत हो यह मेरी इच्छा है जिसकी पूर्ति ट्रस्टी परिवार एवं महाविद्यालय परिवार द्वारा की जाती रहेगी ऐसा मेरा विश्वास है। एवं अपेक्षा करता हूँ कि आबूरोड महाविद्यालय में एम.एड पाठ्यक्रम स्थापित हो, यह क्षेत्र की शिक्षित महिलाओं के लिए अति आवश्यक है,एवं रेवदर में अग्रजी माध्यम का विद्यालय संचालित हो ।

I believes that education is the most powerful tool to bring about a social reform.